Top Guidelines Of Shiv Chalisa lyrics

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अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥

आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

शरच्चन्द्रगात्रं गुणानन्द पात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते more info हैं।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

Glory to Girija’s consort Shiva, that is compassionate to your destitute, who always guards the saintly, the moon on whose forehead sheds its attractive lustre, and in whose ears are classified as the pendants of your cobra hood.

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

अंत काल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

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